Tuesday, February 16, 2016

जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार से प्यार मिला

साहिर लुधियानवी जी के मशहूर गाने की पहली पंक्ति को लेकर हमारा काफिया मिलाओ चैलेंज...और मेरी अदना सी कोशिश।...................................(जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार से प्यार मिला)



जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार से प्यार मिला

तुम भूल गए, तो गम नही

खुशियाँ देखो हज़ारों हज़ार

जीवन सन्ध्या की अब बेला है

कैसा शिकवा और कैसा गिला ।

नई बहारें जब भी आएँगी

फिर बनाएँगे, आशियाँ नया ।



जाने वो कैसे लोग थे जिनको प्यार से प्यार मिला,

इधर उधर की छोड़ो यारो,

दिल के तार छेड़ो तो ज़रा,

भीतर को रूख करो भला

लौ को तेज़ कर देख तो सही

प्रेम प्याला छलक जाएगा

ये मेरा तुमसे दावा रहा।



जाने वो कैसे लोग थे जिनके, प्यार से प्यार मिला

फिरते रहे हम मारे मारे

सितम भी न जाने कितने सहे

फ़लसफ़ा जबसे जाना यारों, 

रहमत पे उसकी यूँ शक ना कर

उसमें भी है कुछ छिपा भला।

इसीलिए अब खुश हैं यारों

तुम भी पढ़ लो यह पाठ ज़रा



जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार से प्यार मिला

इस चमन की खरोंचों को देखो ज़रा,

जिस्म-ओ-जान फिर तार तार हुआ,

दिल भी अपना टूट गया

चल फिर ढूँढें नई डगर जरा

अमन-ओ-चैन से रहें जहाँ,

फिर ना रहे कोई रंजो गम।

प्यार से मुझको यूँ  प्यार मिला ।





जाने वो कैसे लोग थे जिनके प्यार से प्यार मिला

ऐ बन्दे यूँ गम ना कर

दिल को तू छोटा ना कर

ऋतुएं आनी जानी हैं

कब ठहरी हैं ये भला ।

कल की चिंता छोड़ ज़रा

आज को अपने जी ले ज़रा ।

Kiren Babal

12.2.2016

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