ऐ ज़िंदगी तूने दामन में
क्या छुपा रखा है ?
खुशियाँ तो नज़र आती नहीँ ,
तूने दर्द से आँचल भरा है l
रात अँधेरी बहुत ही अँधेरी . . .
गहरे घने बादलों ने
जम कर आँसु बहाए हैं ; और भीगी - भीगी पलकों में
सारे जा समाये हैं
ऐ ज़िंदगी , अब तो तू
कोई उमीद ना रख
इंसानों की इस दुनियाँ में
नर पिशाच कहाँ से आए हैं
जो इंसानियत को ही शर्माए है . . .
#kiren babal
30. 3. 2015